मिथिला के प्रसिद्ध और प्रमुख शक्ति केंद्र दरभंगा के श्यामा मंदिर में मां श्यामा मंदिर न्यास समिति ने बलि चढ़ाने पर रोक लगा दी है. बलि के लिए निर्धारित शुल्क की रसीद जारी करने पर रोक लगा दी गई है। समिति ने बलि प्रदान के लिए मंदिर के गर्भगृह के सामने स्थापित महिषा के सामने मिट्टी डाल दिया है. विभिन्न पूजाओं के लिए निर्धारित शुल्क से संबंधित जानकारी नोटिस बोर्ड पर लगा दी गयी है. इस फैसले से लोगों में जबरदस्त गुस्सा है. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके खिलाफ पोस्ट की बाढ़ आ गई है. लोग इसे आस्था पर हमला बता रहे हैं. बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के स्तर से जारी पत्र के आलोक में न्यास समिति ने यह कदम उठाया है.
निर्णय वापस लेने के लिए दिया 7 दिनों का समय
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान सचिव उदय नारायण झा ने न्यास परिषद और प्रशासन को 7 दिन का समय दिया है. उन्होंने कहा “श्यामा माई मंदिर में बलिप्रदान रोकने का अपना निर्णय तत्काल वापस ले नहीं तो हजारों की संख्या में मैथिल श्यामा माई मंदिर पहुंचकर सरेआम आदेश का अवज्ञा करेंगे और बलिप्रदान का परंपरा निभाया जाएगा।” जिसके बाद लोग लोग सोशल मीडिया पर अनेक प्रकार के पोस्ट करके विरोध कर रहे हैं.
ट्वीटर यूजर अ स अजीत लिखते हैं “ये किस तरह का चुटियापा है। मैथिल मौलिक रूप से शैव और शाक्त रहे हैं। हमें किसी के वैष्णव होने पर आपत्ति नहीं है। उनकी अलग पूजा पद्धति से भी हमें वैर नहीं। पर हमारी परंपराओं में हस्तक्षेप भी उचित नहीं है। यह उसी तरह की जिद है जैसा इस्लामी कट्टरपंथी दिखाते हैं। पूरी धरती को मुस्लिम बनाने की जिद।”